sthai bhav or sanchari bhav me antar- हेलो छात्रों स्वागत है आपका studygro.com वेबसाइट में, आज हम इस पोस्ट में स्थाई भाव एवं संचारी भाव में अंतर देखने वाले हैं क्योंकि स्थाई भाव और संचारी भाव में क्या-क्या अंतर होते हैं या स्थाई भाव और संचारी भाव के अंतर बताइए इस प्रकार से प्रश्न परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है चाहे आप किसी भी क्लास के विद्यार्थी हो आपको स्थाई भाव और संचारी भाव में अंतर पता होना चाहिए तो चलिए आज हम आपको स्थाई भाव और संचारी भाव के कुछ अंतर बताने वाले हैं जिन्हें आप याद कर सकते हैं चलिए देख लेते हैं।
स्थाई भाव एवं संचारी भाव में अंतर
स्थाई भाव एवं संचारी भाव मैं निम्नलिखित अंतर है-
(1) मानव हृदय में सुषुप्त रूप में रहने वाले मनोभाव स्थायी भाव कहलाते हैं, जबकि हृदय में अन्य अनन्त भाव जाग्रत तथा विलीन होते रहते हैं, उनको संचारी भाव कहा जाता है।
(2) स्थायी भाव स्थायी रूप से हृदय में विद्यमान रहते हैं, जबकि संचारी भाव कुछ समय रहकर समाप्त हो जाते हैं।
(3) स्थायी भाव उद्दीपन के प्रभाव से उद्दीप्त होते हैं, जबकि संचारी भाव स्थायी भाव के विकास में सहायक होते हैं। (4) स्थायी भावों की कुल संख्या 10 है, जबकि संचारी भाव तैंतीस माने गये हैं।
स्थाई भाव किसे कहते हैं स्थाई भाव की परिभाषा
स्थाई भाव – जो मानव हृदय में सुसुप्त रूप में रहने वाले मनोभाव को स्थाई भाव कहा जाता है
संचारी भाव किसे कहते हैं? संचारी भाव की परिभाषा
संचारी भाव- संचारी भाव पुणे कहते हैं जो हृदय में अनंत भाव जागृत तथा विलीन होते रहते हैं वह संचारी भाव कहलाते हैं।
छात्रों हमें उम्मीद है कि आप को स्थाई भाव और संचारी भाव में यह अंतर पसंद आए होंगे इसलिए आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।
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