Covid 19 Essay | कोरोना वायरस पर निबन्ध ऐसे लिखे PDF Download

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Covid 19 Essay : दोस्तों हम सभी जानते हैं कि इस समय covid 19 कोरोना महामारी  संसार भर में कितने बड़े पैमाने पर विशाल रूप धारण कर फैल रही है जिसके चलते सभी को जान माल का काफी हर्जाना देना पड़ रहा है। यह कोई नया virus नहीं है। इसकी खोज पहले भी हो चुकी है। किन्तु ये पहले इतना खतरनाक नहीं था जितने खतरनाक वेरिएंट इसके अभी देखने को मिल रहे हैं। अब ये विषय अपने आप मे एक बहुत बड़ा विषय बन चुका है। इसने हिन्दी, विज्ञान, अर्थशास्त्र,राजनीति सभी विषयों में अपना अलग स्थान बनाया है। इसलिए हमें इस विषय की समस्त जानकारी होना आवश्यक है।यदि आपको इससे साबधानी ओर बचाव के उपाय पता हों तो आप इससे बच सकते हैं। तभी आप इस विषय पर निबन्ध लिख पायेगें। तो चलिए आज हम आपको covid 19 कोरोना वायरस पर निबन्ध लिखना बतायेगें।

Covid 19 Essay | कोरोना वायरस पर निबन्ध ऐसे लिखे 

निबन्ध

कोविड- 19 कोरोना बीमारी : लक्षण एवं उपचार
अथवा
• कोरोना : विषाणु जनित बीमारी

विस्तृत रूपरेखा-

(1) प्रस्तावना,

(2) कोरोना महामारी कहाँ से फैली?

(3) कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण

(4) कोरोना संक्रमण कैसे फैलता है ?

(5) कोरोना से बचाव के उपाय

(6) कोरोना के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

(7) कोरोना का शिक्षा पर प्रभाव-

(8) उपसंहार।

“बन्द करो कोरोना का रोना, बनो सात्विक कुछ न होना।

तन-मन जीवन शुद्ध रखो तो, सदा स्वस्थ कोई रोग न होना ॥

प्रस्तावना – कोरोना एक विषाणु का नाम है।यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक संक्रामक व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति को फैल जाता है। यह एक विषाणु जनित बीमारी है जिसके कुछ प्रकार मानवों के लिए बहुत खतरनाक हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो सीधे तौर पर श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है और पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में अत्यधिक कष्ट होता है। इस बीमारी की भयावहता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि संसार के सारे देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से कई महाशक्तियाँ, जैसे- अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, रूस इत्यादि भी शामिल हैं और इसके दुष्परिणामों के आगे त्रस्त हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। संक्रमित रोग होने के कारण यह संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले अन्य स्वस्थ व्यक्तियों के मध्य भी तेजी से फैलता है। अन्य महामारियों की तुलना में इस महामारी ने मानव-जीवन पर अत्यधिक गहरा आघात किया है।

कोरोना महामारी कहाँ से फैली- यह रोग चीन के वुहान शहर से वर्ष 2019 के दिसम्बर माह में प्रारम्भ हुआ और देखते ही देखते पूरे विश्व में तेजी से फैल गया। कोरोना एक प्राणघातक रोग है और इससे बचाव ही इसकी एकमात्र दवा है। अब तक इसकी कोई दवा विकसित नहीं हो सकी है। विश्व के सभी महाद्वीपों में इसने करोड़ों की संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लाखों की संख्या में लोग काल को प्राप्त हो गये। चीन से शुरूआत होने के कारण इसका नाम ‘चाइना वायरस’ भी पड़ा। इसे कोविड-19 के नाम से भी जाना जाता है।इसका नाम कोरोना इसलिए रखा गया क्योंकि ये वायरस सूर्य की सूर्य ग्रहण के समय दिखने वाली सबसे बाहरी परत किरीट के समान दिखाई देता है और जिस प्रकार यह परत सूर्य ग्रहण के समय दिखाई देती है उसी प्रकार इस विषाणु ने हमारे जीवन और दिनचर्या को ग्रहण लगा दिया है।

कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण – कोरोना वायरस एक बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना का सम्बन्ध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। साथ ही, बहुत तेजी से अपने स्वरूप में परिवर्तन भी करता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए।

कोरोना संक्रमण कैसे फैलता है ?-यह एक संक्रमित रोग है जो पीड़ित व्यक्ति द्वारा बोलने,खांसने एवं छींकने पर गिरने वाली बूँदों के माध्यम से दूसरे व्यक्तियों में फैलता है। इसके संक्रमण की दर अत्यधिक है। इसके संक्रमण के बाद सूखी खाँसी होती है और कुछ समय बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसमें सबसे पहले बुखार होता है। इसके लक्षणों का हमेशा अर्थ यह नहीं है कि कोरोना वायरस का संक्रमण है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फेल होना और यहाँ तक कि मौत भी हो सकती है। बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमा, मधुमेह या हृदय संबंधी बीमारी है, उनके मामले में खतरा गंभीर हो सकता है। जुकाम में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं।

कोरोना से बचाव के उपाय– विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार कोरोना से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि सभी स्वयं की देखभाल करें। आप जितना ज्यादा खुद को सुरक्षित करेंगे। उतना ही कम कोरोना होने की सम्भावना रहेगी। यह पाया गया है कि जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है वह कोरोना को आसानी से हरा सकता है। इसलिए अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा भी कुछ और भी बचाव है जिनका पालन सबको करना चाहिए।

 

  1. हमेशा कोई बाहरी वस्तु छूने के बाद साबुन से अच्छे से हाथ अवश्य धोएँ या सेनिटाइजर का उपयोग करें।
  2. साबुन से हाथ कम से कम 30 सेकेण्ड तक अच्छे से धोएँ।
  3.  लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी बनाये रखें।
  4. सार्वजनिक स्थानों पर सदैव मास्क (आवश्यकतानुसार दोहरा मास्क) का प्रयोग जरूरी न होने पर घर से बाहर न निकलें।
  5. बाहर से लाये गये सामान को अच्छे से जर्म फ्री कर लें, तब घर में रखें।
  6. संदिग्ध स्थिति में खुद को दूसरों से अलग कर लें।
  7.  इस दौरान कहीं भी अनावश्यक यात्रा करने से बचें।
  8. आँख, नाक और मुँह को छूने से बचें।
  9.  न तो किसी के घर जाएँ और न ही किसी को अपने घर बुलाएँ।
  10.  14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।
  11. यदि आप संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं।

 

तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जाती है। अतः घर पर ही रहें।

कोरोना के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव- 

कोरोना ने न सिर्फ भारत बल्कि कई बड़े और विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को हिला दिया। जिस देश चीन से ये वायरस फैला उसने भी इसके बहुत बुरे परिणाम भुगते हैं। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है। कोरोना महामारी के कारण देश भर में बहुत लम्बे समय तक लोकडाउन लगा रहा। जिसके कारण सभी दुकाने, कारोबार,फेक्ट्री सभी बन्द रहे। और देश की अर्थव्यवस्था को भारी  नुकसान उठाना पड़ा।

कोरोना का शिक्षा पर प्रभाव-

कोरोना काल मे 1-1.5 वर्ष तक सभी शिक्षण संस्थान बन्द रहे जिससे शिक्षा नीति सही प्रकार से नहीं चल सकी। और सभी छात्रों का कीमती समय बर्बाद हुआ और उनकी मन:स्थिति खराब हुई। जिसके चलते शिक्षा स्तर बहुत कम रह गया। छात्र कमजोर हो गए।लॉक डाउन के इस समय मे छात्रों के पास केवल ऑनलाइन शिक्षा का ही सहारा था।जो हर कोई छात्र नहीं ले पा रहा था। क्योंकि आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण सभी छात्रों के पास मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं थे। लॉकडाउन खुलने पर जब स्कूल ओपन हुए तो पेरेंट्स ने अपने बच्चों को बहुत कम संख्या में स्कूल भेजा क्योकि सभी पेरेंट्स इस महामारी के चलते भयभीत थे और अपने बच्चों की सेहत के साथ कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। जिससे इस वर्ष का परीक्षाफल भी बहुत प्रभावित हुआ।

उपसंहार-कोरोना से पूरे विश्व में करोड़ों लोग प्रभावित हो चुके हैं और लाखों जानें जा चुकी हैं। इस महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। लोगों से उनके परिजन छिन गये। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो चुके हैं। पूरे विश्व में इस विनाशकारी महामारी ने भारी तबाही मचा रखी है। पूरे विश्व की सरकारें इससे अपनी जनता को बचाने में प्रयत्नशील हैं। ऐसे में हमें सतर्क रहते हुए स्वयं एवं अपने परिवार को इस बीमारी से बचाए रखना चाहिए और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, टीके लगवाने चाहिए। सतर्क रहकर और इससे बचाव के उपाय अपनाकर हम इस बीमारी को संसार से सदा के लिए समाप्त करने की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।

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